पीएफआई ने भड़काए थे दंगे, चार दिन में 108 सदस्य गिरफ्तार

नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा में बड़ा खुलासा हुआ है। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी और डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि दंगे पीएफआई ने भड़काए थे। पिछले चार दिन में पीएफआई के 108 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं। अभी शुरूआती कार्रवाई है। 


चार दिनों के लिए विशेष अभियान चलाया गया था। पहले भी पीएफआई के 25 पदाधिकारी और सदस्य गिरफ्तार हो चुके हैं। यूपी के 13 जनपदों में पीएफआई संगठन सक्रिय है। 

108 गिरफ्तारियां में लखनऊ से 14, सीतापुर से तीन, मेरठ से 21, गाजियाबाद से 9, मुजफ्फरनगर से 6, शामली से सात, बिजनौर से 4, वाराणसी से 20, कानपुर से 5, गोंडा से एक, बहराइच से 16, हापुड़ से एक और जौनपुर से एक सदस्य को गिरफ्तार किया गया है।

वहीं, एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने कहा कि मेरठ जोन में अभी 75 से 80 सदस्य और चिन्हित किए गए हैं। एडीजी ने कहा कि गलत आंदोलन के लिए पीएफआई को फंडिंग की गई। ईडी बैंक खाते खंगाल रही है। उन्होंने कहा कि छोटे ज़िले शामली में नेटवर्क पनप रहा है। शामली से खालिस्तान और रोहिगियां लोगों की गिरफ्तारी पहले भी हो चुकी है।

सीएए : यूपी में हिंसा भड़काने के आरोप में पीएफआई के आठ सदस्य गिरफ्तार
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में हिंसा भड़काने के आरोप में यूपी पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया था।

पांच को कानपुर और तीन को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। आरोपी प्रदर्शनों के लिए महीनों से फंड मुहैया करवा रहे थे। शुक्रवार को गंगा यात्रा में सीएम के कार्यक्रम का विरोध करने के लिए भीड़ जुटाने की तैयारी में थे। इसके पहले ही इन्हें बृहस्पतिवार रात बेगमपुरवा में बैठक करते हुए गिरफ्तार किया गया।