अजमेर शरीफ दरगाह

यह एक सूफी श्राइन जो ‘मक़बरा’ (कब्र) ग़रीब नवाज, सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के परिबद्ध करता है। 13 वीं सदी में बनाया गया ये मक़बरा जो यहाँ उनकी प्रार्थना करने के लिए सभी धर्मों के लोगों के बीच लोकप्रिय  हैं और सब आयते भी है। मक़बरा तीन गेट्स-मुख्य द्वार या निजाम गेट, मुगल सम्राट और बुलन्द दरवाज़ा द्वारा बनवाया शाहजहां गेट है। एक अन्य बड़ा आकर्षण इस पवित्र मक़बरा में यहाँ हैं की यहाँ का खाना बहुत  पवित्र और शानदार खाना होता है जो की वह पर जाने के बाद सब इस खाना को खाने चाहते हैं और वह पर  सभी भक्तों की सेवा भी सही तरह से की जाती हैं ताकि किसी को कोई तरह की दिक्कत न हो